Rajasthan

मूमल महेंद्र

एक थी मूमल – मरू देस की, आज के जैसलमर के समीप बसे लोदूरवा गाँव की चतुर, सुजान, सुनहरी-रुपहली कन्या। एक था महेंद्र राणों- आज के पाकिस्तान के सिंध प्रांत का साहसी, चतुर, बांका, छैल-छबीला नवयुवक।

खीचन की गलियां

बलुआ पत्थर का बनना अनुकूल रहा राजस्थान में. अनेकों रंगों में मिलने वाला ये पत्थर अपने आपको ऐसा बनाता है कि समय के थपेड़ों के सामने तो यूँ नहीं झुकता किन्तु कुशल हाथों में छेनी हथोड़ा हो तो अपना निज मिटा कर उसका दिया रूप लेता है. निज के मरण पर जन्मा सौंदर्य जैसे मीरा के भजन और दादू के दोहे। ऐसी ही हैं ये हवेलियां भी। शेखावटी और जैसलमेर की तरह प्रसिद्धि तो न पाई हैं इन्होने, लेकिन अगर आप यहाँ हैं तो इन गलियों से गुजरना एक उम्दा अनुभव बनेगा- बाह्य और भीतर यात्रा का.

The Best Desert Safari in Rajasthan

Khichan is widely known for the thousands of Demoiselle Cranes, that come here for wintering and people of Khichan do everything to give them a safe shelter with abundance of food. Its streets have some fine Havelis made with sandstone. However, the most beautiful experience to have in Khichan is Desert Safari conducted by khichan Resort.

राजस्थानी संस्कृति में कुरजां पक्षी

लोकगीत सदा से ही देश काल की सच्ची परिस्थिति बयान करते रहे हैं. कुरजां ऐसा ही एक लोकगीत है, जिसमे नायिका/विरहिणी कुरजां पक्षी के हाथ अपने प्रिय को संदेसा भेजती है कि विवाह कर, वे उसे क्यों अकेली छोड़ गए हैं. कुरजां जाके नायक को सन्देश देती है और उसे भी वियोग में उदास पाती है. संदेसा पाकर नायक नौकरी/ साथी छोड़ कर एक सजीले घोड़े पर रातों रात चल देता है , पूरी रात बेतहाशा चलके भोर होते होते अपने घर अपनी प्रिया के पास पहुँच जाता है.

Ceilings adorned with beautiful Vidhyadevis, Meghnad mandap, Ranakpur Temple,

रणकपुर की संध्या आरती

दिन भर रणकपुर के मंदिर को निहार कर, थके पैर किन्तु प्रसन्न और शांत मन लिए यात्रीगण, उसके बंद होने के समय अपने अपने वाहनों की ओर चल पड़े. मंदिर […]

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